English News

indianarrative
  • youtube
  • facebook
  • twitter

अर्जुन मुंडा ने बिहार के बाढ़ पीड़ितों के लिए ‘मेडिसिन वैन’ को रवाना किया

अर्जुन मुंडा ने बिहार के बाढ़ पीड़ितों के लिए ‘मेडिसिन वैन’ को रवाना किया

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने बिहार के बाढ़ पीड़ितों के लिए ‘मेडिसिन वैन’ को झंडी दिखाकर रवाना किया। 15 लाख रुपये की दवा सहायता ठाकुरद्वारा ट्रस्ट, जोरबाग, दिल्ली ने प्रदान की है। बाढ़ पीड़ितों की सेवा के लिए लगभग दो हजार स्वयंसेवक जमीनी स्‍तर पर काम कर रहे हैं।

अर्जुन मुंडा ने इस अवसर पर समाज के प्रति नि:स्वार्थ सेवा के लिए ठाकुरद्वारा ट्रस्ट की टीम द्वारा किए गए नेक प्रयासों की सराहना की। इसके साथ ही मुंडा ने यह उम्‍मीद जताई कि उनकी टीम के प्रयास संकट की इस घड़ी में बिहार के बाढ़ पीड़ितों के काफी काम आएंगे। मुंडा ने इस उदार सहायता के लिए ठाकुरद्वारा ट्रस्ट का धन्यवाद किया।

बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राहत की बात है कि कुछ नदियों के जलस्तर में कमी हुई है लेकिन गंगा के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है। गंगा नदी कहलगांव के पास खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है। राज्य की अन्य नदियां भी कई क्षेत्रों में अभी भी लाल निशान से ऊपर है।

राज्य के 16 जिलों के 121 प्रखंडों में अभी भी बाढ़ का तांडव जारी है, जिससे अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। बिहार आपदा प्रबंधन विभाग ने राहत और बचाव कार्य जारी रहने का दावा किया है। इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बुधवार को दरभंगा और गोपालगंज बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया है।

बिहार राज्य जल-संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि कोसी के जलस्तर में कमी का ट्रेंड बना हुआ है। वीरपुर बैराज के पास गुरुवार को सुबह छह बजे कोसी का जलस्तर 1.59 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे घटकर 1.58 लाख क्यूसेक हो गया। बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, घाघरा तथा गंगा कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार के 16 जिलों के कुल 121 प्रखंडों की 1़165 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। इन क्षेत्रों में करीब 66.60 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इन इलाकों में 8 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 12 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं। इसके अलावा, बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 1,379 सामुदायिक रसोई घर चलाए जा रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन करीब दस लाख लोग भोजन कर रहे हैं।.